मिठौरा क्षेत्र के निजी विद्यालय प्रबंधक का अमानवीय व्यवहार, प्रबंधक पर दर्जनों बच्चों को विद्यालय से भगाने का गंभीर आरोप
- By UP Samachaar Plus --
- Tuesday 19 Nov, 2024
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मुख्य संपादक - ओंकार नाथ वर्मा
UP Samachar Plus
महराजगंज, 19 नवम्बर। मिठौरा क्षेत्र के परसौनी स्थित एक निजी विद्यालय में बच्चों के साथ की गई अमानवीय हरकत का मामला सामने आया है। यहां के प्रबंधक ने करीब दर्जनभर बच्चों को बिना किसी ठोस कारण के विद्यालय से भगा दिया, जिससे बच्चों में डर और आक्रोश फैल गया। यह घटना मंगलवार को उस समय हुई जब बच्चे विद्यालय पहुंचे और प्रबंधक ने उन्हें गुस्से में डांटते हुए कक्षा से बाहर निकाल दिया। बच्चे रोते हुए अपने घर लौटे और घर जाकर अपनी आपबीती परिजनों को सुनाई।
जानकारी के अनुसार, परसौनी ग्राम सभा स्थित एक निजी विद्यालय के बच्चों ने 14 नवम्बर को जीके प्रतियोगिता की परीक्षा में भाग लिया था, जो बिना प्रबंधक की अनुमति के दूसरे विद्यालय में आयोजित की गई थी। यह बात जब प्रबंधक को पता चली, तो उसने 18 नवम्बर को विद्यालय में उपस्थित बच्चों को डांटते हुए स्कूल से बाहर निकाल दिया। बच्चे कक्षा 3 से लेकर कक्षा 8 तक के थे, जिनमें रितिका, कृतिका, अंकित, अंशिका, मोहम्मद तनवीर, समसुद्दीन, अरबाज अंसारी, राज शर्मा सहित अन्य बच्चे शामिल थे।
बच्चों के घर लौटने के बाद जब उनके परिजनों ने प्रबंधक से संपर्क करने की कोशिश की, तो उसने फोन पर भी बात करने से मना कर दिया। बच्चों के परिजनों ने इस व्यवहार को अमानवीय और अनुशासनहीनता बताते हुए गहरी नाराजगी जताई है। परिजनों का कहना है कि स्कूल का प्रबंधक बिना किसी स्पष्ट कारण के बच्चों को स्कूल से बाहर कैसे निकाल सकता है। इस पर उन्होंने प्रशासन से उचित कार्रवाई की मांग की है।
बच्चों के परिजनों, जैसे सरफुद्दीन, बाबूराम गौड़, विनोद कुमार भारती, सरवन कुमार, शम्भू और कयामुद्दीन अंसारी ने विद्यालय प्रबंधक के खिलाफ विरोध जताते हुए कहा कि यह घटना न केवल बच्चों के आत्म-सम्मान को ठेस पहुंचाने वाली है, बल्कि इससे उनका मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित हुआ है।
इस मामले में अब तक विद्यालय प्रबंधक की ओर से कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने जल्द ही जांच का आश्वासन दिया है। वहीं, बच्चों और उनके अभिभावकों की मांग है कि ऐसे कृत्य करने वाले प्रबंधक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में किसी और बच्चे के साथ इस तरह का बुरा व्यवहार न हो।

