
मुख्यमंत्री द्वारा लोकार्पित सड़क पर फर्जीवाड़ा: 66.64 लाख का भुगतान, डीएम ने दिया जांच के आदेश, जानिए क्या है पूरा मामला ?
- By UP Samachaar Plus --
- Thursday 23 Jan, 2025
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मुख्य संपादक - ओंकार नाथ वर्मा
UP Samachar Plus
महराजगंज, 23 जनवरी। जनपद के प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग में बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। ग्रामसभा विशुनपुर गबडुवा से हरिजन बस्ती तक 0.97 किलोमीटर लंबी सड़क के निर्माण के लिए 66.64 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया, जबकि सड़क का निर्माण कार्य अभी अधूरा है। ग्रामीणों ने इस मामले को लेकर जिलाधिकारी से शिकायत की है और जांच की मांग की है।
शिकायत के बाद विभाग में हड़कंप मच गया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से कागजों में सड़क का कार्य पूर्ण दिखाकर भुगतान कर दिया गया। इससे भी अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि सड़क निर्माण से पहले ही लोकार्पण का बोर्ड लगा दिया गया था। नाराज ग्रामीणों ने इस पर आपत्ति जताते हुए बोर्ड को हटवा दिया और कहा कि जब तक सड़क पूरी नहीं बनती, लोकार्पण स्वीकार नहीं किया जाएगा।
फर्जीवाड़े में कई अधिकारी घिरे
शिकायत के अनुसार, इस मामले में पूर्व एक्सईएन गंगा सागर यादव, एई कर्ण सिंह, ई. सुनील यादव और ई. संदीप यादव का नाम सामने आया है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि इन अधिकारियों ने कागजों में निर्माण कार्य पूरा दिखाकर 66.64 लाख रुपये का फर्जी भुगतान किया। शिकायतकर्ता ने जब मौके पर जाकर स्थिति देखी, तो पाया कि सड़क का काम शुरू भी नहीं हुआ है।
शिलापट्ट को लेकर हंगामा
ग्रामीणों ने जब मौके पर जाकर शिलापट्ट देखा और अधिकारियों से सवाल किए, तो ठेकेदार और संबंधित अधिकारी जवाब देने में असमर्थ दिखे। ग्रामीणों का कहना है कि जब सड़क का काम ही नहीं हुआ, तो लोकार्पण बोर्ड क्यों लगाया गया। हंगामे के दौरान अधिकारियों ने चुपके से शिलापट्ट हटाकर एक घर में रख दिया, लेकिन यह हरकत ग्रामीणों की नजरों से बच नहीं सकी।
मजबूरी में बनाया कार्ययोजना
घटना के दौरान ठेकेदार ने सफाई दी कि यदि हरिजन बस्ती का नाम न होता, तो भुगतान नहीं होता। इस बयान ने ग्रामीणों को और नाराज कर दिया। ग्रामीणों का कहना है कि अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है।
जांच कमेटी गठित
शिकायत के बाद जिलाधिकारी ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। सीडीओ ने भी एक जांच कमेटी का गठन किया है। एई कर्ण सिंह ने दावा किया कि सड़क का काम पूरा हो चुका है, जबकि ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण कार्य अभी अधूरा है। अब देखना होगा कि जांच में क्या सच सामने आता है और दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है।
ग्रामीणों की मांग
ग्रामीणों ने इस फर्जीवाड़े की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। उनका कहना है कि दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों। फिलहाल, मामले में विभागीय स्तर पर हलचल मची हुई है। अब देखना दिलचस्प होगा कि जांच में क्या तथ्य सामने आते हैं और सड़क निर्माण से जुड़े यह आरोप कितने सही साबित होते हैं।