प्रधानमंत्री आवास योजना : बहुत दूर-दूर रहती हो, मुझसे शारीरिक संबंध बना लो, तुम्हारा मकान भी बनवा दूंगा और पैसा भी नहीं लूंगा

मुख्य संपादक - ओंकार नाथ वर्मा 

UP Samachar Plus 

मिठौरा (महराजगंज): प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों के लिए स्वीकृत मकानों में बड़े पैमाने पर घोटाले का मामला सामने आया है। इस मामले में अपात्र लोगों को लाभ दिलाने और सरकारी धन के दुरुपयोग के आरोप लगे हैं। भ्रष्टाचार की शिकायत करने वाले व्यक्ति को न केवल जान से मारने की धमकी दी गई, बल्कि उसकी पत्नी को भी परेशान किया गया।

मिठौरा विकास खंड के एक दिव्यांग शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि ग्राम प्रधान अनीता देवी, उसके पति कमलेश गुप्ता और कुछ सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी लाभार्थियों को आवास योजना का पैसा दिया गया, जबकि असली जरूरतमंद आज भी अपने मकान के लिए संघर्ष कर रहे हैं।

गड़बड़ी का खुलासा कैसे हुआ?

शिकायतकर्ता के मुताबिक, वर्ष 2023 में ग्रामसभा हरखोड़ा में 86 मकानों की स्वीकृति मिली। इस दौरान 155 लोगों ने आवेदन किया, लेकिन लाभ उन्हीं लोगों को मिला, जो पहले से ही अपात्र थे। जब इस मामले की शिकायत मुख्य विकास अधिकारी से की गई, तो जांच में पाया गया कि धनराशि मिलने के बावजूद मकानों का निर्माण नहीं हुआ।

इसके बाद जिला कृषि अधिकारी से दोबारा जांच कराई गई, जिसमें चार और अपात्र लोगों के नाम सामने आए। जबकि शिकायतकर्ता ने 9 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, तो केवल 4 को ही अपात्र घोषित किया गया।

शिकायतकर्ता पर दबाव और धमकी

जब शिकायतकर्ता ने इस भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई, तो उसके परिवार को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकियां मिलने लगीं। 31 मई 2024 को शाम 7 बजे ग्राम प्रधानपति कमलेश गुप्ता उसके घर पहुंचा और उसकी पत्नी से अनैतिक संबंध बनाने का दबाव डाला। प्रधानपति कमलेश गुप्ता ने उसकी पत्नी से कहा बहुत दूर-दूर रहती हो मुझसे शारीरिक संबंध बना लो, तुम्हारा मकान भी बनवा दूंगा और पैसा भी नहीं लूंगा। पत्नी के विरोध करने पर प्रधानपति ने धमकी दी कि "तुम्हारा पति अपाहिज है, तुम्हें झूठे मुकदमे में फंसाकर जेल भिजवा देंगे।"

शिकायतकर्ता के अनुसार इसके बाद, मनरेगा के मजदूरों को भेजकर शिकायतकर्ता और उसकी पत्नी के साथ मारपीट की गई। शिकायतकर्ता इस घटना की शिकायत थाना सिंदुरिया में की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद उसने पुलिस अधीक्षक, महराजगंज को भी लिखित शिकायत की ।

इन धाराओं में दर्ज हुआ मुकदमा

जब न्याय नहीं मिला, तो शिकायतकर्ता ने न्यायालय में धारा 156(3) के तहत आवेदन दिया। इसके बाद न्यायलय के आदेश पर थाना सिंदुरिया में एफआईआर दर्ज की गई।

 फिलहाल सिंदुरिया पुलिस ने ग्राम प्रधान अनीता देवी और उसके पति कमलेश गुप्ता और ग्राम सचिव अखिलेश द्विवेदी सहित अन्य लोगों पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच में जुट गई है।

आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 323 (मारपीट), 354 (महिला की लज्जा भंग करने का प्रयास), 420 (धोखाधड़ी), 506 (आपराधिक धमकी) और दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 की धारा 92(a) एवं 92(b) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।

प्रशासन पर उठे सवाल

प्रधानमंत्री आवास योजना में गड़बड़ी के इस मामले ने सरकारी सिस्टम पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। अगर शिकायतकर्ता को सुरक्षा नहीं मिली और दोषियों पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो क्या आगे कोई गरीब व्यक्ति भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठा पाएगा?


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