निजी अस्पताल की लापरवाही से गई दो जिंदगियां, परिजनों ने लगाए आरोप, स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल

मुख्य संपादक - ओंकार नाथ वर्मा 

UP Samachar Plus

महराजगंज। जिले के पनियरा से एक बेहद दर्दनाक मामला सामने आया है, जिसने न सिर्फ एक परिवार को गमगीन कर दिया, बल्कि स्वास्थ्य व्यवस्था की गंभीर खामियों को भी उजागर कर दिया है।

शिकायकर्ता के अनुसार, 11 अप्रैल की शाम लगभग 4 बजे रजौड़ा खुर्द निवासी रामू पासवान अपनी गर्भवती पत्नी सुनीता को प्रसव पीड़ा होने पर पनियरा स्थित न्यू ज्योति हॉस्पिटल लेकर गया। बताया जा रहा है कि अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान न केवल महिला की जान चली गई, बल्कि नवजात शिशु की भी मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में गलत ऑपरेशन और फर्जी डिग्री वाले डॉक्टरों के कारण यह दुखद घटना घटी।

सूत्रों के मुताबिक, पहले सुनीता की डिलीवरी पनियरा सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) में कराई गई थी, जहां एक बच्चे का जन्म हुआ। लेकिन जब महिला को लगातार दर्द बना रहा और स्थिति गंभीर होती गई, तो वहां के डॉक्टरों ने उसे जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। इसके बावजूद परिजन महिला को न्यू ज्योति हॉस्पिटल ले गए, जहां कथित रूप से लापरवाही भरे ऑपरेशन में मां और बच्चा दोनों की जान चली गई।

चौंकाने वाली बात यह रही कि जब अस्पताल के डॉक्टर से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने बताया कि वह इस समय चंडीगढ़ में है। वहीं अस्पताल के स्टाफ ने दावा किया कि जब महिला को लाया गया, तब तक एक बच्चे की डिलीवरी हो चुकी थी और दूसरे का हाथ बाहर आ चुका था, इसलिए उसे अस्पताल से रेफर कर दिया गया था।

इस घटना के बाद मृतक महिला के परिजनों ने पनियरा थाने में डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ लिखित तहरीर दी है और सख्त कार्रवाई की मांग की है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच में जुट गई है।

घटना के संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी दिवांशु शुक्ला से जानकारी ली गई तो उन्होंने ने कहा मीडिया के माध्यम से उन्हें घटना की जानकारी मिली है और उन्होंने नोडल अधिकारी राजेश द्विवेदी को निर्देशित किया है कि ओटी को सील कर अन्य कार्रवाई की जाए अगर निजी अस्पताल की लापरवाही सामने आती है तो उस पर मुकदमा दर्ज कराई जाएगी। फिलहाल उनके पास अभी कोई शिकायती पत्र परिजनों का नहीं मिला है।

इस दर्दनाक घटना ने स्वास्थ्य विभाग की निगरानी व्यवस्था और निजी अस्पतालों की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। आखिर कैसे फर्जी डिग्रीधारी डॉक्टर लोगों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं और प्रशासन आंख मूंदे बैठा है ? क्या एक गरीब की जान की कोई कीमत नहीं ? यह मामला केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलता है।

अब देखना यह होगा कि जांच में क्या खुलासा होता है और प्रशासन इस पर क्या कार्रवाई करता है ? लेकिन इतना तय है कि अगर ऐसे मामलों पर सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो भविष्य में और भी मासूम जिंदगियां इस लापरवाही की भेंट चढ़ सकती हैं।


Contact Us - +91-9453529007

Email ID - upsamacharplus@gmail.com