मनरेगा में घोटाले का आरोप: बिना अनुमति ड्रेन की सफाई दिखाकर लाखों की बंदरबांट, जिम्मेदार अधिकारी चुप!

 

महराजगंज: जिले के विकासखंड परतावल के अंतर्गत ग्राम सभा बैरिया एवं कुड़वा उर्फ मुडकटिया में मनरेगा योजना के नाम पर गंभीर अनियमितता का आरोप लगाया गया है। शिकायतकर्ता के अनुसार बिना सिंचाई विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) प्राप्त किए ही ड्रेन की सफाई व खुदाई का कार्य दिखा कर लाखों रुपये का फर्जी भुगतान के लिए MIS कर दिया गया। मामले में ब्लॉक के कर्मचारी और रोजगार सेवकों तक की मिलीभगत उजागर हुई है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी मौन साधे बैठे हैं।

बिना NOC के कार्य, फिर भी फर्जी भुगतान कैसे?

प्राप्त जानकारी के अनुसार, क्षेत्र पंचायत के तहत बैरिया में सीताराम के खेत से सिंटू बाबू के खेत तक ड्रेन की सफाई, और तिलक के खेत से हरपुर सिवान हरिशंकर के खेत तक ड्रेन की सफाई का कार्य दिखाया गया वहीं कुड़वा में नहर से धनहा सिवान तक नाला खुदाई दिखाया गया है जबकि यह ड्रेन है, यह भूमि सिंचाई विभाग के अंतर्गत आती है, लेकिन विभाग से किसी प्रकार की NOC प्राप्त नहीं की गई। नियमों के अनुसार, मनरेगा के अंतर्गत किसी भी विभागीय भूमि पर कार्य तभी हो सकता है जब संबंधित विभाग से पूर्व अनुमति प्राप्त हो।

रोजगार सेवकों द्वारा एमआईएस भुगतान की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई

बाबू की भूमिका संदिग्ध, BDO भी चुप

जब ग्रामीणों द्वारा इस गड़बड़ी को लेकर संबंधित बाबू से जानकारी मांगी गई, तो कभी कहा गया कि NOC जारी हो गया है, और कभी कहा गया कि नहीं हुआ है। यानि साफ तौर पर भ्रम फैलाया जा रहा है और मामले को दबाने की कोशिश हो रही है। वहीं खंड विकास अधिकारी ने भी अब तक कोई संज्ञान नहीं लिया है। न ही जांच की घोषणा की गई, न ही कोई जिम्मेदारी तय की गई।

स्थानीय निवासियों का आरोप: जानबूझकर भ्रष्टाचार को संरक्षण दिया जा रहा

स्थानीय नागरिक राजेश कुमार ने लिखित शिकायत देकर इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। उनका कहना है कि विभागीय अनुमति नहीं ली गई, तो ऐसे में भुगतान किस आधार पर किया गया? यह सीधा-सीधा भ्रष्टाचार है और इसकी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए।

 जब सिंचाई विभाग ने NOC नहीं दी, तो मनरेगा से ड्रेन सफाई का कार्य कैसे हुआ?

MIS में बिना भौतिक सत्यापन के कार्य कैसे फीड किया गया?

भुगतान किस आधार पर किया गया और किसके आदेश पर हुआ?

खंड विकास अधिकारी अब तक चुप क्यों हैं?

एपीओ, जिम्मेदार बाबू और रोजगार सेवकों पर कार्रवाई कब होगी?

जनता की मांग है कि इस मामले की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए और दोषियों पर एफआईआर दर्ज की जाए। अगर जल्द ही कार्रवाई नहीं की गई, तो यह मामला बड़ा जन आंदोलन बन सकता है।


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