
सुप्रीम कोर्ट ने पेपर बैलेट की मांग वाली याचिका खारिज की, ईवीएम पर छेड़छाड़ के आरोपों को बताया राजनीति प्रेरित
- By UP Samachaar Plus --
- Tuesday 26 Nov, 2024
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मुख्य संपादक - ओंकार नाथ वर्मा
UP Samachar Plus
महराजगंज, 26 नवंबर 2024। सुप्रीम कोर्ट ने आज चुनावों में पेपर बैलेट प्रणाली को पुनः लागू करने की मांग वाली एक जनहित याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) की विश्वसनीयता पर उठाए गए सवालों को राजनीति से प्रेरित बताया और याचिकाकर्ता डॉ. कौल के तर्कों को खारिज कर दिया।
न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति पी.बी. वराले की खंडपीठ ने इस मामले में स्पष्ट टिप्पणी करते हुए कहा, "ईवीएम पर छेड़छाड़ का आरोप तब लगाया जाता है जब कोई चुनाव हारता है। जब नेता जीतते हैं, तो उन्हें ईवीएम से कोई समस्या नहीं होती।" कोर्ट ने पूर्व में आंध्र प्रदेश के नेता चंद्रबाबू नायडू और हाल ही में जगन मोहन रेड्डी के उदाहरण देते हुए कहा कि दोनों ने अपनी हार के बाद ईवीएम पर सवाल खड़े किए।
न्यायमूर्ति नाथ ने याचिकाकर्ता से कहा, "राजनीतिक दलों को इस व्यवस्था से कोई दिक्कत नहीं है। समस्या सिर्फ आपको है।" कोर्ट ने कहा कि भारत में चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए ईवीएम को अपनाया गया है और यह प्रणाली वर्षों से सफलतापूर्वक लागू है।
याचिका में ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की संभावना जताई गई थी और पेपर बैलेट प्रणाली की वापसी का अनुरोध किया गया था। हालांकि, कोर्ट ने इसे राजनीति से प्रेरित आरोप बताते हुए खारिज कर दिया और कहा कि लोकतंत्र में ईवीएम ने समय और पारदर्शिता के लिए एक क्रांति लाई है।
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला चुनावी प्रक्रिया में डिजिटल युग की महत्ता को पुनः रेखांकित करता है।