
फर्जी प्रमाण पत्र पर नौकरी कर रही दो शिक्षिकाएं बर्खास्त, शिक्षा विभाग में मचा हड़कंप
- By UP Samachaar Plus --
- Thursday 12 Sep, 2024
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महराजगंज
महराजगंज। शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़े का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिले में फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रही दो और शिक्षिकाएं बुधवार को बर्खास्त कर दी गईं, जिससे जिले में अब तक बर्खास्त शिक्षकों की संख्या 50 के पार पहुंच गई है। दोनों शिक्षिकाओं ने 2018 में फर्जी टेट और डीएड प्रमाण पत्र के जरिए सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति पाई थी।
बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) श्रवण कुमार गुप्ता की सख्त कार्रवाई के बाद, राप्ती नगर, गोरखपुर की रहने वाली सरिता और जनपद संतकबीर नगर की सिरसिग निवासी जगतारणी राय को बर्खास्त कर दिया गया है। दोनों शिक्षिकाओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश भी जारी किए गए हैं, साथ ही उनके वेतन और अन्य वित्तीय लाभों की रिकवरी के निर्देश भी दिए गए हैं।
कैसे हुआ फर्जीवाड़ा का खुलासा ?
सरिता को फरेंदा ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय सिंहपुर अयोध्या में नियुक्त किया गया था, जबकि जगतारणी राय की तैनाती धानी ब्लॉक के शिवबरनजोत प्राथमिक विद्यालय में हुई थी। शिकायत मिलने के बाद जब जांच शुरू हुई, तो यह पाया गया कि दोनों शिक्षिकाओं ने विशेष डीएड प्रमाण पत्र की जगह सामान्य डीएड लगाया था, जो अमान्य था। साथ ही, सरिता की टेट की डिग्री भी फर्जी पाई गई।
जिले में 50 से अधिक बर्खास्त शिक्षक
इस मामले के सामने आने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। बीएसए ने कहा कि आगे भी जांच जारी रहेगी ताकि अन्य फर्जी नियुक्तियों का भी खुलासा हो सके। जिले में फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करने वाले शिक्षकों की संख्या बढ़ती जा रही है, जिससे शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
शिक्षा विभाग की सख्त कार्रवाई
इस घटना के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप है। बीएसए ने कड़ी कार्रवाई करते हुए यह सुनिश्चित किया है कि इस तरह के फर्जी मामलों पर सख्त कदम उठाए जाएं। विभाग अब हर शिक्षक के प्रमाण पत्रों की जांच कर रहा है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।
फर्जी प्रमाण पत्र पर नियुक्ति पाने वालों के खिलाफ लगातार हो रही कार्रवाई से शिक्षा विभाग में खलबली मची हुई है, और आने वाले दिनों में और भी फर्जीवाड़े के मामलों के उजागर होने की संभावना है।